Shiv Raksha Stotra in Hindi- Lyrics in Sanskrit
Shiv Raksha Stotra: शिव रक्षा स्तोत्र एक ऐसा स्तोत्र है जो भगवान शिव की शरण में आने वाले भक्तों को अनेक प्रकार के लाभ प्रदान करता है। यह स्तोत्र न केवल भौतिक सुख-समृद्धि प्रदान करता है बल्कि आध्यात्मिक उन्नति का भी मार्ग प्रशस्त करता है। Shiv Raksha Stotra Lyrics in Sanskrit, Hindi.
शिव रक्षा स्तोत्र के प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं: Shiv Raksha Stotra Benefits
- सुरक्षा: यह स्तोत्र भक्तों को सभी प्रकार के संकटों, दुखों और नकारात्मक शक्तियों से बचाता है। भगवान शिव अपने भक्तों को हमेशा सुरक्षित रखते हैं।
- शांति: शिव रक्षा स्तोत्र ( Shiv Raksha Stotram ) का नियमित पाठ करने से मन शांत होता है और तनाव कम होता है। यह स्तोत्र भक्तों को आंतरिक शांति और सुख प्रदान करता है।
- मनोकामनाओं की पूर्ति: यह माना जाता है कि शिव रक्षा स्तोत्र का पाठ करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। भगवान शिव अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
- आध्यात्मिक विकास: यह स्तोत्र भक्तों को आध्यात्मिक विकास की ओर अग्रसर करता है। यह भक्तों को भगवान शिव के करीब लाता है और उन्हें मोक्ष का मार्ग दिखाता है।
- स्वास्थ्य लाभ: शिव रक्षा स्तोत्र ( Shiv Raksha Strot ka Paath ) का पाठ करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। यह स्तोत्र कई बीमारियों से बचाने में सहायक होता है।
- सकारात्मक ऊर्जा: यह स्तोत्र भक्तों के आसपास सकारात्मक ऊर्जा का वातावरण बनाता है, जिससे उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं।
- आत्मविश्वास: शिव रक्षा स्तोत्र ( Shiv Raksha Stotra ) का नियमित पाठ करने से भक्तों का आत्मविश्वास बढ़ता है और वे जीवन की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होते हैं।
- किस प्रकार करें शिव रक्षा स्तोत्र का पाठ:
॥ श्रीशिवरक्षास्तोत्रम् ॥
॥ विनियोग ॥
श्री गणेशाय नमः॥
अस्य श्रीशिवरक्षास्तोत्रमन्त्रस्य याज्ञवल्क्य ऋषिः॥
श्री सदाशिवो देवता॥ अनुष्टुप् छन्दः॥
श्रीसदाशिवप्रीत्यर्थं शिवरक्षास्तोत्रजपे विनियोगः॥
॥ स्तोत्र पाठ ॥
चरितं देवदेवस्य महादेवस्य पावनम्।
अपारं परमोदारं चतुर्वर्गस्य साधनम्॥1॥
गौरीविनायकोपेतं पञ्चवक्त्रं त्रिनेत्रकम्।
शिवं ध्यात्वा दशभुजं शिवरक्षां पठेन्नरः॥2॥
गंगाधरः शिरः पातु भालं अर्धेन्दुशेखरः।
नयने मदनध्वंसी कर्णो सर्पविभूषण॥3॥
घ्राणं पातु पुरारातिः मुखं पातु जगत्पतिः।
जिह्वां वागीश्वरः पातु कंधरां शितिकंधरः॥4॥
श्रीकण्ठः पातु मे कण्ठं स्कन्धौ विश्वधुरन्धरः।
भुजौ भूभारसंहर्ता करौ पातु पिनाकधृक्॥5॥
हृदयं शंकरः पातु जठरं गिरिजापतिः।
नाभिं मृत्युञ्जयः पातु कटी व्याघ्राजिनाम्बरः॥6॥
सक्थिनी पातु दीनार्तशरणागतवत्सलः।
उरू महेश्वरः पातु जानुनी जगदीश्वरः॥7॥
जङ्घे पातु जगत्कर्ता गुल्फौ पातु गणाधिपः।
चरणौ करुणासिंधुः सर्वाङ्गानि सदाशिवः॥8॥
एतां शिवबलोपेतां रक्षां यः सुकृती पठेत्।
स भुक्त्वा सकलान्कामान् शिवसायुज्यमाप्नुयात्॥9॥
ग्रहभूतपिशाचाद्यास्त्रैलोक्ये विचरन्ति ये।
दूरादाशु पलायन्ते शिवनामाभिरक्षणात्॥10॥
अभयङ्करनामेदं कवचं पार्वतीपतेः।
भक्त्या बिभर्ति यः कण्ठे तस्य वश्यं जगत्त्रयम्॥11॥
इमां नारायणः स्वप्ने शिवरक्षां यथाऽऽदिशत्।
प्रातरुत्थाय योगीन्द्रो याज्ञवल्क्यः तथाऽलिखत॥12॥
॥ इति श्रीयाज्ञवल्क्यप्रोक्तं शिवरक्षास्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥
How to Chant Shiv Raksha Stotra in Hindi
- Best Days: Mondays and Pradosh Vrat days are especially auspicious.
- Offerings: Light a diya, offer Bilva leaves, and chant with devotion.
- Chanting Method: Recite the Shiv Raksha Stotra with full concentration to experience divine protection.
Conclusion
Chanting Shiv Raksha Stotra with devotion ensures divine protection, peace, and prosperity. Make it a part of your daily prayers to receive the blessings of Lord Shiva.
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