Lakshmi Ashtakam

Lakshmi Ashtakam- लक्ष्मी अष्टकम: माता लक्ष्मी की कृपा पाने का अचूक उपाय

Mahalakshmi Ashtakam लक्ष्मी अष्टकम: सुख-समृद्धि का मंत्र

लक्ष्मी अष्टकम ( Lakshmi Ashtakam) एक शक्तिशाली स्तोत्रम है जो माता लक्ष्मी की महिमा का गान करता है। माता लक्ष्मी धन, संपत्ति और सुख-समृद्धि की देवी मानी जाती हैं। महालक्ष्मी अष्टकम ( Mahalakshmi Ashtakam ) का नियमित पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में धन-धान्य की वृद्धि होती है और सभी प्रकार की कष्ट दूर होते हैं।

लक्ष्मी अष्टकम के लाभ: ( Lakshmi Ashtakam )

  • धन-धान्य की वृद्धि: लक्ष्मी अष्टकम ( Laxmi Ashtakam ) का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में धन-धान्य की वृद्धि होती है और आर्थिक स्थिति सुधरती है।
  • सुख-समृद्धि: माता लक्ष्मी की कृपा से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है और सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं।
  • मानसिक शांति: महालक्ष्मी अष्टकम ( Mahalakshmi Ashtakam ) का पाठ करने से मन में शांति और स्थिरता आती है।
  • सफलता: इस स्तोत्रम का नियमित पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में सफलता प्राप्त होती है और सभी कार्य सिद्ध होते हैं।

You can read the full text of Krishna Ashtakam in Sanskrit Below. If you’re interested in listening to a devotional recitation, check out this YouTube video.

Maha Lakshmi Ashtakam Lyrics in Sanskrit

महालक्ष्म्यष्टकम्

नमस्तेऽस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते।
शङ्खचक्रगदाहस्ते महालक्ष्मि नमोऽस्तुते॥1॥

नमस्ते गरुडारूढे कोलासुरभयङ्करि।
सर्वपापहरे देवि महालक्ष्मि नमोऽस्तुते॥2॥

सर्वज्ञे सर्ववरदे सर्वदुष्टभयङ्करि।
सर्वदुःखहरे देवि महालक्ष्मि नमोऽस्तुते॥3॥

सिद्धिबुद्धिप्रदे देवि भुक्तिमुक्तिप्रदायिनि।
मन्त्रमूर्ते सदा देवि महालक्ष्मि नमोऽस्तुते॥4॥

आद्यन्तरहिते देवि आद्यशक्तिमहेश्वरि।
योगजे योगसम्भूते महालक्ष्मि नमोऽस्तुते॥5॥

स्थूलसूक्ष्ममहारौद्रे महाशक्तिमहोदरे।
महापापहरे देवि महालक्ष्मि नमोऽस्तुते॥6॥

पद्मासनस्थिते देवि परब्रह्मस्वरूपिणि।
परमेशि जगन्मातर्महालक्ष्मि नमोऽस्तुते॥7॥

श्वेताम्बरधरे देवि नानालङ्कारभूषिते।
जगत्स्थिते जगन्मातर्महालक्ष्मि नमोऽस्तुते॥8॥

महालक्ष्म्यष्टकं स्तोत्रं यः पठेद्भक्तिमान्नरः।
सर्वसिद्धिमवाप्नोति राज्यं प्राप्नोति सर्वदा॥9॥

एककाले पठेन्नित्यं महापापविनाशनम्।
द्विकालं यः पठेन्नित्यं धनधान्यसमन्वितः॥10॥

त्रिकालं यः पठेन्नित्यं महाशत्रुविनाशनम्।
महालक्ष्मीर्भवेन्नित्यं प्रसन्ना वरदा शुभा॥11॥

॥ इति इन्द्रकृतं महालक्ष्म्यष्टकं सम्पूर्णम् ॥

Conclusion

महालक्ष्मी अष्टकम (Mahalakshmi Ashtakam) न केवल एक स्तोत्र है, बल्कि यह सुख, समृद्धि और शांति का दिव्य स्रोत भी है। इसका नित्य जाप करने से माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में धन, वैभव और आध्यात्मिक उन्नति का संयोग बनता है। जो भक्त श्रद्धा और भक्ति से इस मंत्र का उच्चारण करते हैं, वे सभी प्रकार की बाधाओं से मुक्त होकर आनंद और सफलता का अनुभव करते हैं। यदि आप अपने जीवन में धन-धान्य, शांति और सकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करना चाहते हैं, तो महालक्ष्मी अष्टकम का नियमित पाठ अवश्य करें और माता लक्ष्मी की अपार कृपा प्राप्त करें।

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